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8 Best Dushyant Kumar Poems | दुष्यंत कुमार की रचनाएँ
1. अब तो पथ यही है, 2. धर्म,
3. तीन दोस्त, 4. आग जलती रहे,
5. कौन यहाँ आया था,
6. वो आदमी नहीं है मुकम्मल..
एक आशीर्वाद – दुष्यंत कुमार की कविता
जा तेरे स्वप्न बड़े हों।
भावना की गोद से उतर कर
जल्द पृथ्वी पर चलना सीखें।
चाँद तारों सी अप्राप्य ऊचाँइयों के लिये..
मापदण्ड बदलो – दुष्यन्त कुमार
मेरी प्रगति या अगति का
यह मापदण्ड बदलो तुम,
जुए के पत्ते सा
मैं अभी अनिश्चित हूँ ।
मुझ पर हर ओर से चोटें पड़ रही हैं,
कोपलें उग रही हैं,
पत्तियाँ झड़ रही हैं,