अनसुनी करके तेरी बात – Rabindranath tagore kavita in hindi

अनसुनी करके तेरी बात – Rabindranath tagore kavita in hindi

अनसुनी करके तेरी बात
न दे जो कोई तेरा साथ
तो तुही कसकर अपनी कमर
अकेला बढ़ चल आगे रे–
अरे ओ पथिक अभागे रे ।