वीर नारी पर कविता – नारी तू प्रयास कर | प्रणिता मेश्राम
चल निकल प्रथस्त पथ पर,
इस धरती का अभिमान है तू।
हृदय भी दे दुआ जिसे देखकर,
उस मां की श्रवण कुमार है तू।
चल निकल प्रथस्त पथ पर,
इस धरती का अभिमान है तू।
हृदय भी दे दुआ जिसे देखकर,
उस मां की श्रवण कुमार है तू।
महिला, सशक्तिकरण की
ओर आगे बढ़ रही है,
हर एक क्षेत्र में वो सम्मान पा रही है।
जीवन के संघर्षों का नया मुकाम है वो,