महाराणा प्रताप कविता – बस नाम ही काफी है
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महाराणा प्रताप कविता – बस नाम ही काफी है

ना कोई संज्ञा, ना सर्वनाम,
ना विशेषण का ही कोई काम
बस आन, बान और शान बोल दें,
या पुकारें राजस्थान
कई, कई राजाओं, सम्राटों से ज्यादा,
जिसके घोड़े का भी हो सम्मान

तू भी है राणा का वंशज | Tu bhi hai rana ka vanshaj | वाहिद अली वाहिद

तू भी है राणा का वंशज | Tu bhi hai rana ka vanshaj | वाहिद अली वाहिद

कब तक बोझ संभाला जाए
द्वंद्व कहां तक पाला जाए
दूध छीन बच्चों के मुख से
क्यों नागों को पाला जाए