विपत्ति में विरोध में अडिग रहो अटल रहो – Ramdhari Singh Dinkar

विपत्ति में, विरोध में
अडिग रहो, अटल रहो,
विषम समय के चक्र में भी
साहसी प्रबल रहो।

मंजिल दूर नहीं है – रामधारी सिंह दिनकर

वह प्रदीप जो दीख रहा है
झिलमिल, दूर नहीं है;
थककर बैठ गये क्या भाई!
मंजिल दूर नहीं है।

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