Motivational Kavita in Hindi | जीवन जीने की प्रेरणा देने वाली कविता
तुमने न बना मुझको पाया,
युग-युग बीते तुमने मै न घबराया,
भूलो मेरी विह्लता को,
निज लज्जा का तो ध्यान करो
तुमने न बना मुझको पाया,
युग-युग बीते तुमने मै न घबराया,
भूलो मेरी विह्लता को,
निज लज्जा का तो ध्यान करो
वह प्रदीप जो दीख रहा है
झिलमिल, दूर नहीं है;
थककर बैठ गये क्या भाई!
मंजिल दूर नहीं है।
मुठ्ठी में कुछ सपने लेकर,
भरकर जेबों में आशाएं।
दिल में है अरमान यही,
कुछ कर जाएं.. कुछ कर जाएं…