रामधारी सिंह दिनकर

समर शेष है

समर शेष है – रामधारी सिंह दिनकर

ढीली करो धनुष की डोरी, तरकस का कस खोलो
किसने कहा, युद्ध की बेला गई, शान्ति से बोलो?
किसने कहा, और मत बेधो हृदय वह्नि के शर से
भरो भुवन का अंग कुंकुम से, कुसुम से, केसर से?

Sach Hai Vipatti Jab Aati Hai

Sach Hai Vipatti Jab Aati Hai | रामधारी सिंह दिनकर

सच है, विपत्ति जब आती है,
कायर को ही दहलाती है,
शूरमा नहीं विचलित होते,
क्षण एक नहीं धीरज खोते,
विघ्नों को गले लगाते हैं,
काँटों में राह बनाते हैं।

अर्धनारीश्वर - Rashtrakavi Dinkar

अर्धनारीश्वर – रामधारी सिंह दिनकर – Rashtrakavi Dinkar

एक हाथ में डमरू, एक में वीणा मधुर उदार,
एक नयन में गरल, एक में संजीवन की धार।
जटाजूट में लहर पुण्य की शीतलता-सुख-कारी,
बालचंद्र दीपित त्रिपुंड पर बलिहारी! बलिहारी!

Sach Hai Vipatti Jab Aati Hai

Ramdhari Singh Dinkar Poems – रामधारी सिंह दिनकर की प्रसिद्ध कविताएं

सामने देश माता का भव्य चरण है
जिह्वा पर जलता हुआ एक बस प्रण है
काटेंगे अरि का मुण्ड कि स्वयं कटेंगे
पीछे परन्तु सीमा से नहीं हटेंगे

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