Holi Poem in Hindi: काश ऐसी हो अब की होली
त्योहारों का देश हमारा
होली हमारा बड़ा त्यौहार
बजट बिगड़ जाता त्योहारों में
पर बिना बजट का यह त्यौहार
त्योहारों का देश हमारा
होली हमारा बड़ा त्यौहार
बजट बिगड़ जाता त्योहारों में
पर बिना बजट का यह त्यौहार
यह मिट्टी की चतुराई है,
रूप अलग औ’ रंग अलग,
भाव, विचार, तरंग अलग हैं,
ढाल अलग है ढंग अलग,