सरहद पे गोली खाके जब टूट जाए मेरी सांस
मुझे भेज देना यारों मेरी बूढ़ी मां के पास
बड़ा शौक था उसे मैं घोड़ी चढूं
धमाधम ढोल बजे
तो ऐसा ही करना
मनोज मुंतशिर कविता माँ | माँ की ममता हिंदी कविता
हिसाब लगा के देख लो
दुनिया के हर रिश्ते में
कुछ अधूरा आधा निकलेगा
एक मां का प्यार है जो दूसरों से..


