सच्ची दोस्ती पर कविता – मित्र बिना सब निर्धन
सच्चे मित्र की है पहचान
काम आए बुरे वक्त में
बताए नहीं कभी एहसान
सो मित्रों के बराबर ऐसा
एक मित्र हो भाई समान
सच्चे मित्र की है पहचान
काम आए बुरे वक्त में
बताए नहीं कभी एहसान
सो मित्रों के बराबर ऐसा
एक मित्र हो भाई समान
दोस्ती का रंग चढ़ा आसमानों में,
मिल जाती है यहाँ हर दिल की मन्नतों में।
सच्ची दोस्ती की किरण चमकती है,
जीवन के सफर में अच्छाई बढ़ती है।