वीर तेजाजी महाराज कविता – Veer Tejaji Maharaj
गायें मीणा ले गये, एक घोर निराशा फैली थी,
उन चोरो की करतूतों से, मारवाड़ की सुचिता मेली थी।
गायें मीणा ले गये, एक घोर निराशा फैली थी,
उन चोरो की करतूतों से, मारवाड़ की सुचिता मेली थी।
33 करोड़ देवता हमारे,
पूजन अर्चन का है विधान
हमारी संस्कृति, साहित्य और सनातन परंपरा में,
महापुरुष भी रहे देव समान
वीर तेजाजी हैं बड़े देवता,
मानता है आधा लगभग हिंदुस्तान