Holi Par Kavita – ऐसी हो अब की होली
Holi Par Kavita-काश ऐसी हो अब की होलीकहीं न चले कोई चाकू गोलीप्रेम भरी हो सबकी बोलीनफरत मिटे, मिटे अबोलीहर […]
Holi Par Kavita-काश ऐसी हो अब की होलीकहीं न चले कोई चाकू गोलीप्रेम भरी हो सबकी बोलीनफरत मिटे, मिटे अबोलीहर […]
भारत को शायद पूर्व से
ही था अनुमान, तटस्थ रखा
सदा ही अपना स्थान,
टेरिफ घटे या बड़े अमेरिका से,
त्योहारों का देश हमारा
होली हमारा बड़ा त्यौहार
बजट बिगड़ जाता त्योहारों में
पर बिना बजट का यह त्यौहार
यह मिट्टी की चतुराई है,
रूप अलग औ’ रंग अलग,
भाव, विचार, तरंग अलग हैं,
ढाल अलग है ढंग अलग,