नये संसद भवन पर कविता – कविता दुनिया

नये संसद भवन पर कविता – कविता दुनिया

नये संसद की रचना की गई,
स्वप्नों का आकार बदला गया।
महानता की वाणी सुनाई दी,
जग में नया उजाला जगाया गया।
स्वतंत्रता के संगठन का नया निवास,