Hariom Pawar Kavita | हरिओम पवार की कविता
1. घाटी के दिल की धड़कन,
2. काला धन,
3. मै मरते लोकतन्त्र का बयान हूँ,
4. बागी हैं हम इन्कलाब के गीत सुनाते जायेंगे
1. घाटी के दिल की धड़कन,
2. काला धन,
3. मै मरते लोकतन्त्र का बयान हूँ,
4. बागी हैं हम इन्कलाब के गीत सुनाते जायेंगे
बहुत दिनों के बाद छिड़ी है
वीणा की झंकार अभय
बहुत दिनों के बाद समय ने
गाया मेघ मल्हार अभय