Maa Par Kavita
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Maa Par Kavita in Hindi | माँ की ममता जग से न्यारी | शम्भूनाथ तिवारी

अगर कभी मैं रूठ गया तो,
माँ ने बहुत स्नेह से सींचा।
कितनी बड़ी शरारत पर भी,
जिसने कान कभी ना खीँचा।