Guru Purnima: इस कविता के माध्यम से गुरु की महिमा, उनके ऐतिहासिक योगदान और आधुनिक भारत में उनकी भूमिका को दर्शाया गया है। ‘गुरु साक्षात परब्रह्म समान‘ की भावना को समर्पित यह रचना शिक्षा, संस्कृति और राष्ट्रनिर्माण के गहरे संबंध को उजागर करती है। गुरु साक्षात परब्रह्म समानधर्म शास्त्र, स्मृति और वेद पुराणमर्यादा पुरुषोत्तम श्री […]

