आत्मविश्वास पर कविता

आत्मविश्वास पर कविता: जब अंधकार सब को घेर रहा हो

जगमगाती रात की गहराइयों में,
जब अंधकार सब को घेर रहा हो,
आत्मविश्वास की दीप्ति जगमगाए,
खुद को स्वीकार करो और सफर करो।