Hindi Kavita: अच्छा लगा – रामदरश मिश्र
आज फिर लौटा सलामत
राम कोई अवध में,
हो गया पूरा कड़ा
बनवास तो अच्छा लगा।
आज फिर लौटा सलामत
राम कोई अवध में,
हो गया पूरा कड़ा
बनवास तो अच्छा लगा।
सूर्य ढलता ही नहीं है – रामदरश मिश्र | Suraj Par Kavita चाहता हूँ, कुछ लिखूँ, पर कुछ निकलता ही