टीवी पर कविता – टेलीविजन कविता

टीवी पर कविता – टेलीविजन कविता

टीवी की दुनिया, रंगीन और चमकीली,
घरों का सबसे प्यारा मनोहारी खिलौना।
चाहे सपनों का सफ़र हो या समाचार की बौछार,
टीवी जो बदलती है हमारे जीवन की कहानी का सार