अब जागो जीवन के प्रभात | जयशंकर प्रसादKavita Dunia | February 10, 2024 वसुधा पर ओस बने बिखरेहिमकन आँसू जो क्षोभ भरेउषा बटोरती अरुण गात !अब जागो जीवन के प्रभात !