Hindi Kavita: आज की दुनिया – हर तरफ भागदौड़

Hindi Kavita: आज की दुनिया – हर तरफ भागदौड़

हर तरफ भागदौड़, हर तरफ अन्याय,
बचा हुई है सिर्फ़ कुछ मोमबत्ती रौशनी के लिए।
आज की दुनिया जैसी है, खो गई मानवता,
दिलों में उम्मीद की किरण जगाने की जरूरत है।