क्यों न सजा हो मारने से ज्यादा तड़पाने की – कविता
क्यों न सजा हो मारने से ज्यादा तड़पाने की - कवितादुख सभी को होता है, किसी की निर्मम हत्या होने परदुख होता है, पवित्र धारणाओं के मिथ्या होने परदुख होता…
क्यों न सजा हो मारने से ज्यादा तड़पाने की - कवितादुख सभी को होता है, किसी की निर्मम हत्या होने परदुख होता है, पवित्र धारणाओं के मिथ्या होने परदुख होता…