राखी पर कविता – आओ बंधे उस बंधन में जिसमें महकता चंदन है
राखी पर कविता - आओ बंधे उस बंधन में जिसमें महकता चंदन हैआओ बंधे उस बंधन में जिसमें महकता चंदन हैबंधन सभी प्रतीक गुलामी के, जिनमें छटपटाहट है आजादी कीस्वतंत्रता…
राखी पर कविता - आओ बंधे उस बंधन में जिसमें महकता चंदन हैआओ बंधे उस बंधन में जिसमें महकता चंदन हैबंधन सभी प्रतीक गुलामी के, जिनमें छटपटाहट है आजादी कीस्वतंत्रता…