अर्धनारीश्वर – रामधारी सिंह दिनकर – Rashtrakavi Dinkar
एक हाथ में डमरू, एक में वीणा मधुर उदार, एक नयन में गरल, एक में संजीवन की धार। जटाजूट में लहर पुण्य की शीतलता-सुख-कारी, बालचंद्र दीपित त्रिपुंड पर बलिहारी !…
एक हाथ में डमरू, एक में वीणा मधुर उदार, एक नयन में गरल, एक में संजीवन की धार। जटाजूट में लहर पुण्य की शीतलता-सुख-कारी, बालचंद्र दीपित त्रिपुंड पर बलिहारी !…
9 फरवरी 1630 जन्मे महाराष्ट्र दुर्ग शिवनेरी, धन्य हुई धरती भारत की हम करते जयकार तेरी। जिसका नाम नहीं मरता हर दिल में बस जाता है, ऐसा वीर पुरूष क्षत्रपति…
गायें मीणा ले गये, एक घोर निराशा फैली थी, उन चोरो की करतूतों से, मारवाड़ की सुचिता मेली थी।..तब एक-एक मीणों से, सम्मान हड़पना शुरू किया, चोरों पर तेजल की…
हिसाब लगा के देख लो दुनिया के हर रिश्ते में कुछ अधूरा आधा निकलेगा एक मां का प्यार है जो दूसरों से 9 महीने से ज्यादा निकलेगा।...मनोज मुंतशिर कविता माँ
चिड़िया को लाख समझाओ कि पिंजड़े के बाहर धरती बहुत बड़ी है, निर्मम है, वहॉं हवा में उन्हें अपने जिस्म की गंध तक नहीं मिलेगी। यूँ तो बाहर समुद्र है,…
है अँधेरी रात पर दीवा जलाना कब मना है कल्पना के हाथ से कमनीय जो मंदिर बना थाभावना के हाथ ने जिसमें वितानों को तना था स्वप्न ने अपने करों…
जो जीवन की धूल चाट कर बड़ा हुआ है - केदारनाथ अग्रवाल जो जीवन की धूल चाट कर बड़ा…
खीचों राम-राज्य लाने को, भू-मंडल पर त्रेता - माखनलाल चतुर्वेदी खीचों राम-राज्य लाने को - माखनलाल चतुर्वेदीगिनो न मेरी श्वास,छुए क्यों मुझे विपुल…
सूर्य ढलता ही नहीं है - रामदरश मिश्र सूर्य ढलता ही नहीं है - रामदरश मिश्र | Suraj Par Kavita …
तूफानों की ओर घुमा दो नाविक निज पतवार - शिवमंगल सिंह सुमन तूफानों की ओर घुमा दो नाविक निज पतवारआज…