त्योहारों का देश हमारा,
एक दो दिवस के होते हर त्यौहार
पर नवरात्रि चलती नौ दिनों तक,
वर्ष में मनाते हम दो-दो बार
सुप्त नवरात्रि भी जोड़े तो, नौ-नौ दिन के यह त्यौहार चार रुके कार्य प्रारंभ होते, पावनता, दिव्यता की बहती बयार
शक्ति संचय और पुण्य अर्जन का, खुल जाता असीम भंडार रहस्य, रोमांच और चमत्कारों का, भक्ति की शक्ति से होता संचार
अद्भुत आभासित होता है परिवेश, विकसित होती भक्ति भावनाएं नवरात्रि महापर्व की आप सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं
नौ ही दिन अलग रूपों में पूजन का, शास्त्र सम्मत है विधान शैलपुत्री से सिद्धिदात्री तक, नो ही रूपों के पृथक नाम
पहले 3 दिन दुर्गा को समर्पित, जो शक्ति और ऊर्जा का है प्रतिमान
अगले 3 दिन लक्ष्मी पूजन के,
जो सुख, शांति, समृद्धि की है पहचान
सातवां दिन सरस्वती पूजन का, जिससे बड़े बुद्धि, विवेक और ज्ञान, विज्ञान
आठवां दिन फिर समर्पित दुर्गा को, तो महानवमी को सामूहिक होता आव्हान
फिर नो कन्याओं का प्रतीकात्मक पूजन, हम करते हैं दुर्गा मान
नवरात्रि की नौ देवियों में ही, समाहित सृष्टि, सारे देवी देव इनने ही उप जाए
नवरात्रि महापर्व की आप सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं
कविता को पूरा पड़ने के लिए लिंक पर जाएं
Link