Skip to content![मानसून पर कविता मानसून पर कविता](https://kavitapoemdunia.com/wp-content/uploads/2023/06/%E0%A4%AE%E0%A4%BE%E0%A4%A8%E0%A4%B8%E0%A5%82%E0%A4%A8-%E0%A4%AA%E0%A4%B0-%E0%A4%95%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%A4%E0%A4%BE-jpg.webp)
मानसून पर कविता
बादलों की छांव में रंग बदलती ये धरा,
आसमान से बरसती बूँदों की वर्षा।
प्रकृति की खुशबू घुलती हर जगह,
आकर्षक और मग्न कर देती ये मौसम की बरसात।
पत्तों की लहरों से सजती हर गली,
बारिश के गीत में लगता खुशी का मेला।
मानसून की पुकार सुनती है धरा,
खुले आसमान के नीचे घूमता हर परिंदा।
बादलों का झूला लगाती ये हवाएं,
धरती को भाती हैं मानसून की आये।
गर्मी के दिनों को शीतलता मिलाती,
सुकून और आनंद से भर देती जीवन को।
रंगीन छातों में खो जाती ये आँखें,
सुरमई बूंदों से होंटों पर आती हँसी।
बारिश के साथ गर्मी को बुझाती है,
सपनों की नाव को लेकर बह जाती ये ख्वाहिशे।
मानसून की बरसात लाती हैं धरा पर नयी ज़िन्दगी,
फसलों के उत्पादन से देती हैं मुक्ति।
प्रकृति की गोद में झुमने को हर मन तरसता,
बेसब्री से मानसून के आगमन की प्रतीक्षा करता।
मानसून पर कविता