कारगिल विजय पर कविता

एक सूरज उगता है, नयी उम्मीद के संग, हर ओर छा जाता है खुशियों का रंग।

आज आ पड़ा वो दिन, वो खुशनुमा वक्त, जो उत्साह के साथ कर देता है आँखे नम। 

ध्वजा फहराते हैं शौर्य से लालिमा में, वीर गाथा लिखी, वीरता की राह पर जिन्होंने।

तन, मन, जान सब न्यौछावर करके वीरों ने, करगिल में लहराया देश का तिरंगा खुशनुमा रंगों में।

हर कठिनाई से लड़ना पड़ा, हर चुनौती से उभरना पड़ा, देश की रक्षा का आदर्श बनकर उन्होंने दिखाया। 

धीरे-धीरे बढ़ते रहे वो, पहाड़ों के रास्ते पर, खतरों के साथ खड़े होकर वीरों ने विजय पाया। 

आज हम याद करें उन शहीदों को, जिन्होंने अपनी जानों की कीमत समझी। 

करगिल में लड़ते हुए अमर हो गए वे, हर दिल में सजा गए वीरता की कहानी। 

हर दिल में बह रही हैं उनकी यादें, वीरों की जय-जयकार है आज गूंजती। 

करगिल विजय दिवस पर आँखें नम हो जाती हैं, हर देशभक्त के हृदय में गर्व भर जाती हैं। 

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