गणेश जी पर कविता | हे देवों के देव गणेश
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गणेश जी पर कविता | हे देवों के देव गणेश

मेल के भेल से निर्मित,
हाथी का पाया विशाल आकार
शून्य से शिखर पर पहुंचे,
शिव गणों के बने सरदार
छोटे बड़े का भेद मिटाने,
चूहे पर सांकेतिक हुऐ सवार