घर घर रावण, दर-दर लंका, इतने राम कहां से लाऐं – दशहरा पर कविता
घर घर रावण, दर-दर लंका, इतने राम कहां से लाऐंघर घर रावण, दर-दर लंका, इतने राम कहां से लाऐं,रावण एक था त्रेता युग में, द्वापर में कंस और सो कौरवआतंक…
घर घर रावण, दर-दर लंका, इतने राम कहां से लाऐंघर घर रावण, दर-दर लंका, इतने राम कहां से लाऐं,रावण एक था त्रेता युग में, द्वापर में कंस और सो कौरवआतंक…