हर समंदर यहाँ सैलाब लिए खड़ा है – सविता पाटिल
हर समंदर यहाँ सैलाब लिए खड़ा हैहर समंदर यहाँ सैलाब लिए खड़ा है - सविता पाटिलहर समंदर यहाँ सैलाब लिए खड़ा हैमौन-सी लहरों में कुछ रहस्य जड़ा हैआसपास घूमते चेहरों…
हर समंदर यहाँ सैलाब लिए खड़ा हैहर समंदर यहाँ सैलाब लिए खड़ा है - सविता पाटिलहर समंदर यहाँ सैलाब लिए खड़ा हैमौन-सी लहरों में कुछ रहस्य जड़ा हैआसपास घूमते चेहरों…
आज इस हूक को सहना होगा हाँ तुझे जीना होगा - कविताआज इस हूक को सहना होगा - सविता पाटिलइन लम्हों को बीतने देजो प्रलय उठा है जीवन में उसे…
जीवन का उद्देश्यअनन्त युगों से चल रही दुनिया, अनन्त युगों तक चलना हैअनन्त जीवन पाना है, अनन्त रूपो में ढलना हैअनन्त क्षितिज है, अनन्त सूर्य है, अनन्त हमारी अभिलाषायेंअनन्त है…