रक्षाबंधन पर कविता

पौराणिक युग से ऐतिहासिक काल तक हमने देखी राखी की शक्ति 

बलि को धागा बांधा लक्ष्मी ने, भगवान की कराई सुरक्षित मुक्ति 

देव दानव में युद्ध हुआ तो इंद्राणी ने, पति की शक्ति की निकाली युक्ति 

द्रौपदी का एहसान चुकाया कृष्ण ने, अहसास भी कराई कृष्ण भक्ति 

पुरु को राखी बांध सिकंदर पत्नी ने, बचाया विश्व विजेता अपना पति 

हुमायूं को करना ही पड़ा सहयोग चित्तौड़ का, जब संकट में आई कर्मावती 

यह सब पवित्र प्रमाण है राखी की शक्ति के, बाकी तो सब साधन हिंसक हैं,  चारों ओर क्रंदन है 

आओ बंधे उस बंधन में  जिसमें महकता चंदन है 

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