Category: हरिवंश राय बच्चन

माँ पर कविता हरिवंश राय बच्चन

Motivational Poem in Hindi by Harivansh Rai Bachchan

निद्रा की मादक मदिरा पी, सुख स्वप्नों में बहलाकर जी, रात्रि-गोद में जग सोया है, पलक नहीं मेरी लग पाई! दीप अभी जलने दे, भाई! आज पड़ा हूँ मैं बनकर शव, जीवन में जड़ता का अनुभव, किसी प्रतीक्षा की स्मृति से ये पागल आँखें हैं पथराई!
Jo beet gayi so baat gayi kavita

Jo beet gayi so baat gayi kavita – Harivansh rai bachchan

जीवन में एक सितारा था माना वह बेहद प्यारा था वह डूब गया तो डूब गया अम्बर के आनन को देखो कितने इसके तारे टूटे कितने इसके प्यारे छूटे जो छूट गए फिर कहाँ मिले
Harivansh rai bachchan poems

8 Best Harivansh Rai Bachchan Poems in Hindi

जीवन में एक सितारा था माना वह बेहद प्यारा था वह डूब गया तो डूब गया अम्बर के आनन को देखो कितने इसके तारे टूटे कितने इसके प्यारे छूटे जो छूट गए फिर कहाँ मिले
माँ पर कविता हरिवंश राय बच्चन

माँ पर कविता हरिवंश राय बच्चन | Mother Poem in Hindi

आज मेरा फिर से मुस्कुराने का मन किया, माँ की ऊँगली पकड़कर घूमने जाने का मन किया। उंगलियाँ पकड़कर माँ ने मेरी मुझे चलना सिखाया है, खुद गीले में सोकर माँ ने मुझे सूखे बिस्तर पे सुलाया है।
Baith jata hu mitti pe aksar

Baith jata hu mitti pe aksar – हरिवंश राय बच्चन

बैठ जाता हूँ मिट्टी पे अक्सर,  क्यूंकि मुझे अपनी औकात अच्छी लगती है। मैंने समंदर से सीखा है जीने का सलीका, चुपचाप से बहना और अपनी मौज में रहना।