शूद्र – मैथिलीशरण गुप्त | शूद्रो! उठो, तुम भी कि भारत-भूमि डूबी शूद्रो! उठो, तुम भी कि भारत-भूमि डूबी जा रही, है योगियों को भी अगम जो व्रत तुम्हारा है वही। जो मातृ-सेवक हो वही सुत श्रेष्ठ जाता है गिना, Aug 9, 2023Aug 9, 20231 Comment on शूद्र – मैथिलीशरण गुप्त | शूद्रो! उठो, तुम भी कि भारत-भूमि डूबीमैथिलीशरण गुप्तशूद्र पर कविता