खीचों राम-राज्य लाने को, भू-मंडल पर त्रेता – माखनलाल चतुर्वेदी गिनो न मेरी श्वास, छुए क्यों मुझे विपुल सम्मान? भूलो ऐ इतिहास, खरीदे हुए विश्व-ईमान !! अरि-मुड़ों का दान, रक्त-तर्पण भर का अभिमान, लड़ने तक महमान..... खीचों राम-राज्य लाने को Nov 16, 2021Jul 6, 2023Hindi Kavitaमाखनलाल चतुर्वेदी