Category: देशभक्ति कविता

दिनकर की देशभक्ति कविता- चूहे की दिल्ली यात्रा

दिनकर की देशभक्ति कविता – चूहे की दिल्ली यात्रा

चूहे ने यह कहा कि चूहिया! छाता और घड़ी दो, लाया था जो बड़े सेठ के घर से, वह पगड़ी दो। मटर-मूँग जो कुछ घर में है, वही सभी मिल खाना, खबरदार, तुम लोग कभी बिल से बाहर मत आना!
Poem on Kargil Vijay Diwas in Hindi

Poem on Kargil Vijay Diwas in Hindi- उत्साह साथ आँखे नम

एक सूरज उगता है, नयी उम्मीद के संग, हर ओर छा जाता है खुशियों रंग। आज आ पड़ा वो दिन, वो खुशनुमा वक्त, जो उत्साह के साथ कर देता है आँखे नम।
Patriotic Poem in Hindi

Patriotic Poem in Hindi – मैं एक देशभक्त हूँ।

वतन की मिट्टी में जन्मा हूँ, वतन के लिए जीना चाहता हूँ। मेरा दिल है तिरंगे की भूमि, वतन के लिए हर कठिनाई सहता हूँ।
मनोज मुंतशिर की देशभक्ति कविताएं

मेरा नाम सिपाही है – मनोज मुंतशिर की देशभक्ति कविताएं

सरहद पे गोली खाके जब टूट जाए मेरी सांस मुझे भेज देना यारों मेरी बूढ़ी मां के पास बड़ा शौक था उसे मैं घोड़ी चढूं धमाधम ढोल बजे तो ऐसा ही करना