Category: तुलसीदास जी कविता

Tulsidas ki Kavita

Tulsidas ki Kavita- एक अकेले तुलसीदास| Tulsidas Poem in Hindi

ना कोई तुलना, ना कोई टक्कर, उन पर निर्भर सारा इतिहास कवि कहें, संत कहें या मसीहा समाज के, सीमित करने का न करें प्रयास सम्पूर्ण मानव थे इस धरा पर,