Category: कृष्ण जी कविता

Poem on Krishna in Hindi

जन्मे आप तो भयावह रात थी – Poem on Krishna in Hindi

सतयुग, द्वापर, त्रेता बीता,  चल रहा है कलयुग का काल शुरुआत ही है कलिकाल की,  चलना और हजारों साल घर-घर कंश है दर-दर दुर्योधन,  एक नही पर गिरधर गोपाल